आज अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ, रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो गई। बीबीसी और अन्य कई एजेंडा धारी न्यूज चैनल और वेब साइट इस निर्माण के लिए गलत तरह से हेडलाइन दे रहें हैं। एक हेडलाइन में लिखा गया कि बाबरी मस्जिद गिराकर, विवादित मंदिर का निर्माण हो गया।
यदि आप पैनी नजर से देखें तो यहां भी मामला बहुत कुछ हमास और इजरायल जैसा है। यहूदियों की पावन धरती से उन्हें समय - समय पर खदेड़ दिया गया और फिर जब वो चालीस के दशक में अपने देश लौटे और अपनी धरती के मांग करने लगे तो हमास का जन्म हुआ। मुसलमानों ने यहूदियों को उनकी ही जन्मभूमि पर बसने के लिए, अपना शोषण बताया।
हमास के आतंकवादी हमले के बाद इजरायल द्वारा गाजा पर हुई पर सैनिक कार्यवाही को कई एजेंडा धारी गलत बताने लगें। राम मंदिर को गिराकर, बाबर ने वहाँ मस्जिद बनाई। बाबर ने सैकड़ों हिंदुओं को तलवार से काटकर बीच चौराहे पर लटका दिया। लेकिन बाबर के प्रति सहनुभूति रखनेवाले कई लोग मिल जाएंगे।
माननीय सुप्रीम कोर्ट के सामने कई ऐसे प्रमाण पेश किए गए, जिससे यह साबित होता है कि मस्जिद का निर्माण मंदिर के ऊपर हुआ था, अब उसी मस्जिद पर मंदिर के निर्माण को गलत बताकर विक्टिम कार्ड खेला जा रहा है। कुछ एजेंडा धारी संविधान की दुहाई दे रहें हैं, यह वही लोग हैं जो पिछली सरकारों के राज में मुफ्त की शराब पीते थे, मुफ्त को हवाई यात्रा करते थे और मुफ्त में विदेश घूमते थे।
राम मंदिर निर्माण पूर्णतः कानूनी है और गलत तरीके से बनाए गए, सभी धर्म स्थल जिन्हें हिंदू मंदिरों को तोड़कर बनाया गया है, उसपर पुनः मंदिरों का निर्माण होना चाहिए। कोई यदि आपको विक्टिम कार्ड दिखाकर, आपमें गिल्ट भरना चाहता है तो उससे सावधान रहें।